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70 स्थानों के लिए दावेदारी पेश करेंगे 1003 खिलाड़ी

इंडियन प्रीमियर लीग के 12वें सत्र की 18 दिसंबर को जयपुर में होने वाली खिलाड़ियों की नीलामी में आठ फ्रेंचाइजी टीमों में 70 उपलब्ध स्थानों के लिए 1003 खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया है. पूर्वोत्तर के राज्यों, उत्तराखंड और बिहार के क्रिकेटरों के अलावा 232 विदेशी खिलाड़ियों ने भी नीलामी के लिए पंजीकरण कराया है. पंजीकृत खिलाड़ियों में से 800 ने कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है, जिसमें 746 भारतीय खिलाड़ी शामिल हैं. विदेशियों में ऑस्ट्रेलिया के 35, जबकि अफगानिस्तान के 27 खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया है. सबसे ज्यादा दक्षिण अफ्रीका के 59 खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया है. अमेरिका, हांगकांग और आयरलैंड का एक-एक खिलाड़ी इस शुरुआती सूची में शामिल है. नीलामी के लिए इस सूची में छंटनी की जाएगी और फ्रेंचाइजियों को अपनी पसंद के खिलाड़ियों की सूची सौंपने के लिए 10 दिसंबर तक का समय दिया गया है. आईपीएल की नीलामी का नियमित रूप से संचालन करने वाले रिचर्ड मेडले इस बार नीलामी का हिस्सा नहीं होंगे और नीलामी के संचालन की जिम्मेदारी इस बार ह्यू एडमिडेस को सौंपी गई है. एडमिडेस को नीलामी कंपनी क्रिस्टी मे

नवंबर के वो 15 दिन, जब हिल गया था इस्लाम

39 साल पहले नवंबर के महीने में सऊदी अरब के इतिहास में एक ऐसी घटना हुई, जिसने 15 दिनों तक इस्लाम को हिलाकर रख दिया. ये वो घटना थी, जिसमें सलाफ़ी समूह ने इस्लाम की सबसे पवित्र जगह मक्का की मस्जिद को अपने क़ब्ज़े में ले लिया था. इस घटना में सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी. 20 नवंबर, 1979 इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से साल 1400 की पहली तारीख़ थी. उस दिन मक्का मस्जिद में देश-विदेश से आए हज़ारों हज यात्री शाम के समय नमाज़ का इंतज़ार कर रहे थे. क्या हुआ था उस दिन जब नमाज़ ख़त्म होने को आई तो सफ़ेद रंग के कपड़े पहने लगभग 200 लोगों ने ऑटोमैटिक हथियार निकाल लिए. इनमें से कुछ इमाम को घेरकर खड़े हो गए. जैसे ही नमाज़ ख़त्म हुई, उन्होंने मस्जिद के माइक को अपने क़ब्ज़े में ले लिया. इसके बाद माइक से एलान किया गया, "हम माहदी के आगमन का एलान करते हैं, जो अन्याय और अत्याचारों से भरी इस धरती में न्याय और निष्पक्षता लाएंगे." इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार माहदी ऐसे उद्धारक हैं , जो क़यामत से पहले राज करते हुए बुराई का नाश करेंगे. यह सुनकर लोगों को लगा कि यह क़यामत के दिन की शुरु

中期选举后的中美关系展望:铁幕降临还是转向缓和

中期选举之前的“铁幕”演说 ,日渐升温的贸易战,让人担忧中美之间可能走向“冷战”式的全面对抗。 中期选举结果会给中美关系带来什么改变? “新冷战”是否会峰回路转? 接受BBC中文采访的学者认为 ,不变的将是中美进入竞争时代的态势,变数是中美关系的谈 判优先项可能会逐步明晰。与此同时, 中美要避免在朝鲜半岛、南中国海以及台湾三大敏感的区域问题上擦枪走火。 投票与弹劾 “习近平似乎认为 等过了11月的中期选举 ,特朗普会变弱,进而减轻(贸易打击)。这是个很糟糕的赌博。”美国白宫国家经济委员会主任库德洛7月在接受美国媒体采访时称。 库德洛是率先阐述中期选举前中 国观望战略的白宫要员。 在6月美国商务部长罗斯的中国之行后,双方就 一直没有展开对话。“这很不健康。”库德洛说。9月底,美国宣布开始对中国价值2000亿美元的商品征收10%的关税后,北京进一步取消了原定于一 周后举行的中美经贸磋商。 中美关系和美国中期选举的关联变得空前受 人关注,除了贸易战外 ,还源自特朗普在联合国大会上这一国际场合上公开指称中国“不希望他或他所属的共和党在中期选举中获胜”。 特朗普还批评说, 中国官方媒体早前在特朗普的“票仓”艾奥瓦州的报章刊登广告讲述中美贸易的好处,这是中国政府在报章的“宣传”。 美国中期选举可能出现的结果是,民主党可能在众议院的全 面改选中重获多数席位, 但在参议院里, 35个改选席位中只有9个 来自共和党,民主党很难在参议院挑战共和党的多数党地位。一个广受传播的推论是,一 旦众议院被民主党控制 ,就会发起对特朗普的弹劾。同时一个受民主党控制的众议院可能对特朗普施政带来阻碍。但也有评论指出,弹劾特朗普很难实现,因为参议院需要三分之二 的赞成票才能通过对总统的弹劾。

फर्जी दरोगा गिरफ्तार, शौक के लिए सिलवाई थी वर्दी; राष्ट्रपति के मंच के पास की ड्यूटी

छत्तीसगढ़ के बस्तर में पुलिसवालों के बीच सालभर से ड्यूटी कर रहे एक फर्जी दरोगा को शनिवार रात को गिरफ्तार किया गया। यह व्यक्ति खुद को एसआईटी का सदस्य बताता था। साथ ही अपनी वर्दी पर दो स्टार लगाता था। वायरलेस भी लेकर घूमता था। पुलिस वालों के साथ ही उठता-बैठता था। एक सब इंस्पेक्टर से दोस्ती कर उसके साथ रहने लगा था।  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बस्तर दौरे के दौरान पूरे समय उनकी सुरक्षा में मौजूद रहा। उसने राष्ट्रपति के कार्यक्रम में मंच के पास ड्यूटी भी की थी। कोतवाली टीआई एंब्रोस कुजूर ने बताया कि उसके खिलाफ अलग- अलग धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है । शौक पूरा करने वर्दी सिलवाई आरोपी युवक का नाम अमितेश झा (25) है। वह जगदलपुर के हिकमीपारा में रहता है। शुरुआती पूछताछ में अमितेश ने बताया, " उसने शौक पूरा करने वर्दी सिलवाई थी।" अब तक जितने पुलिसवालों से वह मिला उसने अपनी मूल पोस्टिंग कोंडागांव बताई थी। पुलिस ने बताया कि आरोपी कुछ साल पहले तक फोटोग्राफी करता था। फिर वह लोगों को बताने लगा कि उसका चयन पुलिस विभाग में हो गया। इसके बाद वह चंदखुरी पुलिस ट्रेनिंग स्कूल गय